पिया भांवरी !!
प्रीत तुम्हारी हर युग में निभाई कभी राधा तो कभी मीरा बन आई इस युग में बता दे कहाँ हैं तेरी परछाई? बन जाऊ मैं उसकी पिया भांवरी ! तुझ जैसा खेलें वो आँख मिछोली बिन बतियाएं कर दे बात वो पूरी ; हर गोपी के मन में सजाये रंगोली पर मान ले मुझे वो अपने मन की रानी तुझ जैसी सम्पथी हो गुणों की प्रेम भाव से जीते जगत को; करुना से भरें झोलियाँ पीडित की विष बनें अमृत उसकी चाह से मिले जब मिले उसके प्रेम का सागार कभी राधा तो कभी मीरा बनू मैं उसके रंग में रंग जाऊं मैं कहलाऊं उसकी मैं , पिया भांवरी !! ------------------------------------------- Post Edits : Some major spelling goof ups !!